बीज ग्राम योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण कृषि पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीज सस्ते दामों पर उपलब्ध कराना है। यह योजना इस सोच पर आधारित है कि अच्छी फसल की नींव अच्छा बीज होता है, इसलिए गांव स्तर पर ही बीज उत्पादन को बढ़ावा दिया जाता है। इसके माध्यम से किसान नकली और महंगे बीजों की समस्या से बच सकते हैं और अपने ही क्षेत्र में भरोसेमंद बीज प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना से न केवल खेती की उत्पादकता बढ़ती है, बल्कि गांव आत्मनिर्भर बनते हैं और किसानों की आय में भी स्थायी सुधार होता है।
बीज ग्राम योजना 2026
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| योजना का नाम | बीज ग्राम योजना |
| शुरुआत | 2014–15 |
| संचालन | भारत सरकार (SMSP के अंतर्गत) |
| उद्देश्य | गुणवत्तापूर्ण प्रमाणित बीज |
| सब्सिडी | 50% से 60% तक |
| लाभार्थी | सभी वर्ग के किसान |
| अतिरिक्त लाभ | प्रशिक्षण, अनाज कोठी सब्सिडी |
बीज ग्राम योजना क्या है
बीज ग्राम योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण कृषि पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीज स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराना है। यह योजना इस सोच पर आधारित है कि अच्छी फसल की नींव अच्छा बीज होता है। लंबे समय से किसान महंगे और कई बार नकली बीजों पर निर्भर रहते आए हैं, जिससे उत्पादन और आय दोनों प्रभावित होती हैं। इसी समस्या को खत्म करने के लिए यह योजना शुरू की गई, ताकि गांव खुद बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकें और किसानों को सस्ते व भरोसेमंद बीज मिलें।
यह योजना सबमिशन ऑन सीड एंड प्लांटिंग मटेरियल के अंतर्गत संचालित की जाती है, जिसके तहत बीज उत्पादन, भंडारण और तकनीकी मार्गदर्शन पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
योजना का उद्देश्य
बीज ग्राम योजना का मुख्य लक्ष्य किसानों तक गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित बीज पहुंचाना है। इसके साथ-साथ नकली बीजों की समस्या को कम करना, स्थानीय स्तर पर बीज उत्पादन को बढ़ावा देना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना भी इसके प्रमुख उद्देश्य हैं। बेहतर बीज से उत्पादन बढ़ता है, जिससे किसानों की आय में भी स्थायी सुधार होता है।
योजना के प्रमुख लाभ
- खाद्यान्न फसलों के बीज पर लगभग 50% तक सब्सिडी
- दलहन, तिलहन, चारा एवं घास फसलों पर लगभग 60% तक छूट
- बीज उत्पादन के लिए बुवाई से कटाई तक प्रशिक्षण
- कृषि विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन
- बीज भंडारण के लिए अनाज कोठी निर्माण पर सब्सिडी
यदि कोई बीज बाजार में 3000 रुपये का मिलता है, तो इस योजना के तहत वही बीज लगभग आधी कीमत पर किसान को उपलब्ध हो सकता है।
अनाज कोठी पर मिलने वाली सहायता
बीज सुरक्षित रखने के लिए सरकार भंडारण सुविधा पर भी सहायता देती है।
- 10 या 20 क्विंटल क्षमता वाली अनाज कोठी पर
- अनुसूचित जाति/जनजाति किसानों को लगभग 33% सब्सिडी
- सामान्य वर्ग के किसानों को लगभग 25% सब्सिडी
इससे बीज लंबे समय तक सुरक्षित रहता है और गुणवत्ता बनी रहती है।
कौन ले सकता है योजना का लाभ
इस योजना का लाभ सभी वर्ग के किसान ले सकते हैं। विशेष प्राथमिकता उन किसानों को दी जाती है जो बीज उत्पादन में रुचि रखते हैं और प्रशिक्षण लेने के लिए तैयार हैं। छोटे, सीमांत और सामान्य किसान सभी इसके पात्र हैं।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- भूमि संबंधी दस्तावेज (P1/खसरा)
- बैंक पासबुक की प्रति
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन प्रक्रिया
बीज ग्राम योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल रखी गई है। किसान अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या जिला कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। वहीं से आवेदन, प्रशिक्षण और आगे की प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी जाती है।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. बीज ग्राम योजना का मुख्य लाभ क्या है?
इस योजना से किसानों को सस्ते और प्रमाणित बीज के साथ प्रशिक्षण भी मिलता है।
Q2. बीज पर कितनी सब्सिडी मिलती है?
खाद्यान्न फसलों पर लगभग 50% और दलहन-तिलहन पर लगभग 60% तक सब्सिडी मिलती है।
Q3. क्या सामान्य किसान भी आवेदन कर सकते हैं?
हां, सभी वर्ग के किसान इसके लिए पात्र हैं।
Q4. अनाज कोठी पर कितनी सहायता मिलती है?
SC/ST किसानों को लगभग 33% और सामान्य किसानों को 25% तक सब्सिडी मिलती है।
Q5. आवेदन कहां करना होता है?
नजदीकी कृषि कार्यालय या कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से आवेदन किया जाता है।
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